रियो के पैरा ओलिंपिक में गोल्ड जीतने वाले मरियप्पन बोले- लोग संघर्ष को भूल जाते हैं पर रिकॉर्ड इतिहास बन जाते हैं
क्रिकेटर रोहित शर्मा, पहलवान विनेश फोगाट, रियो पैरालंपिक के स्वर्ण पदक विजेता मरियप्पन थंगावेलू, टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा को इस साल के राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से नवाजा जाएगा। 2016 के बाद पहली बार यह पुरस्कार दिए जा रहे हैं। पुरस्कार मिलने पर खुशी जताते हुए हाई जंपर मरियप्पन ने कहा- ‘मेरा एक ही लक्ष्य था- हाई जंप में रिकॉर्ड बनाऊं। लोग संघर्ष भूल जाते हैं पर रिकॉर्ड इतिहास बन जाते हैं।’ मरियप्पन के संघर्ष की कहानी...
सब्जी बेचकर मां ने काबिल बनाया
मैं तमिलनाडु के सेलम से 50 किमी दूर पेरियावदगम्पति गांव का हूं। पिता बचपन में ही नहीं रहे, मां सरोजा देवी दिहाड़ी करती थीं। मैं 5 साल का था तब स्कूल जाते समय बस ने मुझे टक्कर मारी और मेरे दाएं पैर को कुचल दिया।
मेरा पैर घुटने के नीचे पूरी तरह खराब हो गया। मां ने मेरे इलाज के लिए तीन लाख रुपए कर्ज लिया। दिहाड़ी छोड़कर सब्जी बेचनी शुरू की और हम चार भाइयों को पढ़ाती रहीं। मुझे वॉलीबॉल खेलना अच्छा लगता था, लेकिन टीचर ने कहा कि हाई जंप में तुम्हारी मजबूत पकड़ है, इसे आजमाओ। बस.. उसी दिन मैंने तय कर लिया कि अब यही मेरा कॅरिअर बनेगा।
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