बीते 50 सालों में 70% बीमारियां जानवरों से फैली हैं, इसीलिए रिसर्च कहती हैं कि बचना है तो डाइट में फल-सब्जियां आज से ही बढ़ा लें
वायरस के संक्रमण से बचना है तो वेजिटेरियन डाइट ही सेफ विकल्प है। स्वाइन फ्लू से लेकर कोरोना का संक्रमण फैलाने तक में जानवर एक बड़ी कड़ी साबित हुए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन कहता है, पिछले 50 सालों में 70 फीसदी वैश्विक बीमारियां जानवरों के जरिए फैली हैं।
कई रिसर्च में यह साबित हो चुका है कि हृदय रोग, कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा कम करना चाहते हैं तो वेजिटेरियन डाइट लें। खाने में फल-सब्जियों की मात्रा को बढ़ाएं। आज वर्ल्ड वेजिटेरियन डे है, इस मौके पर जानिए शाकाहारी खाना आपकी जिंदगी में कितना बदलाव जाता है....
4 वजह: वेजिटेरियन खाना क्यों बेहतर है
1. वायरल डिसीज का खतरा कम हो जाता है
2013 में आई यूनाइटेड नेशंस की संस्था फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन की रिपोर्ट कहती है, दुनियाभर में 90% से ज्यादा मांस फैक्ट्री फार्म से आता है। इन फार्म्स में जानवरों को ठूंस-ठूंसकर रखा जाता है और यहां साफ-सफाई का भी ध्यान नहीं रखा जाता। इस वजह से वायरल डिसीज फैलने का खतरा बढ़ जाता है। हाल ही में गुजरात में फैली वायरल डिसीज कांगो फीवर में भी संक्रमित जानवरों से इंसान को खतरा बताया गया है।
2. दिल ज्यादा खुश रहता है और बीमार कम होता है
नॉनवेज के मुकाबले वेजिटेरियन डाइट आपको ज्यादा स्वस्थ रखती है, इस पर रिसर्च की मुहर भी लग चुकी है। अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रीशन में प्रकाशित रिसर्च कहती है, हृदय रोगों का खतरा घटाना है तो शाकाहारी खाना खाइए।
इंग्लैंड और स्कॉटलैंड में 44,561 लोगों पर हुई रिसर्च हुई। इसमें सामने आया कि नॉन-वेजिटेरियन के मुकाबले जो लोग वेजिटेरियन डाइट ले रहे थे उनमें हृदय रोगों के कारण हॉस्पिटल में भर्ती करने की आशंका 32 फीसदी तक कम है। इनमें कोलेस्ट्रॉल का लेवल और ब्लड प्रेशर दोनों ही कम था।
3. फल-सब्जियों की मात्रा बढ़ाते हैं तो कैंसर का खतरा घटता है
अब तक सैकड़ों ऐसी रिसर्च सामने आ चुकी हैं जो कहती हैं, खाने में अगर फल और सब्जियों की मात्रा बढ़ाते हैं तो कैंसर का खतरा कम हो जाता है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में हुई रिसर्च के मुताबिक, अगर डाइट से रेड मीट को हटा देते हैं तो कोलोन कैंसर होने का खतरा काफी हद तक घट जाता है।
4. डायबिटीज कंट्रोल करना है तो 50% तक फल-सब्जियां खाएं
वियतनाम के मेडिकल न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. बिस्वरूप चौधरी कहते हैं, अगर ब्लड शुगर कंट्रोल करना चाहते हैं तो दिनभर की डाइट में 50 फीसदी से ज्यादा फल और सब्जियां लें। इसके बाद ही अनाज शामिल करें। नॉनवेज, अंडा, मछली, मक्खन और रिफाइंड फूड लेने से बचें। ऐसा करते हैं तो ब्लड शुगर काफी हद तक कम किया जा सकता है।
अब बात उस पहल की जिसके कारण यह दिन शुरू हुआ
दुनियाभर के लोगों को शाकाहारी खाना खाने के लिए प्रेरित करने और इसके फायदे बताने के लिए वर्ल्ड वेजिटेरियन डे की शुरुआत हुई। 1 अक्टूबर 1977 को नॉर्थ अमेरिकन वेजिटेरियन सोसायटी ने यह पहल शुरू की।
इस लक्ष्य लोगों को यह भी समझाना था कि वेजिटेरियन डाइट नॉनवेज फूड से ज्यादा हेल्दी है। वेजिटेरियन डाइट बॉडी में अधिक फैट नहीं बढ़ाती और हृदय रोगों का खतरा कम करती है। इसमें मौजूद फायबर और एंटीऑक्सीडेंट्स में कैंसर से लड़ने की क्षमता है।
क्या होगा अगर सभी वेजिटेरियन बन जाएं?
- 2016 में नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस की एक स्टडी आई थी। इसमें कहा गया था कि अगर दुनिया की सारी आबादी मांस छोड़कर सिर्फ शाकाहार खाना खाने लगे तो 2050 तक ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में 70% तक की कमी आ सकती है।
- अंदाजन दुनिया में 12 अरब एकड़ जमीन खेती और उससे जुड़े काम में इस्तेमाल होती है। इसमें से भी 68% जमीन जानवरों के लिए इस्तेमाल होती है। अगर सब लोग वेजिटेरियन बन जाएं तो 80% जमीन जानवरों और जंगलों के लिए इस्तेमाल में लाई जाएगी।
- इससे कार्बन डाय ऑक्साइड की मात्रा कम होगी और क्लाइमेट चेंज से निपटने में मदद मिलेगी। बाकी बची हुई 20% जमीन का इस्तेमाल खेती के लिए हो सकेगा। जबकि, अभी जितनी जमीन पर खेती होती है, उसके एक-तिहाई हिस्से पर जानवरों के लिए चारा उगाया जाता है।
वेजिटेरियन और वेगन डाइट के फर्क को भी समझ लें
वेगन और वेजिटेरियन डाइट में एक सबसे बड़ा अंतर है। वेगन डाइट में ज्यादातर ऐसे फूड शामिल हैं जो पेड़े-पौधों से सीधे तौर पर मिलते हैं। वेगन डाइट में एक बात का खासतौर पर ध्यान दिया जाता है कि जो भी फूड ले रहे हैं वो रसायनिक पदार्थों से तैयार न हुए हों। यानी ऑर्गेनिक फार्मिंग से तैयार होने वाले फूड होने चाहिए।
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