AMAZON

Breaking News

ट्रम्प का कहना है- पर्यावरण बचाना लोगों को बेरोजगार करना है, जबकि बाइडेन नौकरियों के साथ पर्यावरण बचाने के पक्षधर हैं

जब भी मैं शक्की लोगों के साथ कोविड-19 या जलवायु परिवर्तन पर बात करता हूं तो मैं एक उपमान का इस्तेमाल करता हूं: कल्पना करें कि आपका बच्चा बीमार है और आप उसे 100 डॉक्टरों को दिखाने ले जाते हैं। इनमें से 99 डॉक्टर एक ही बात कहते हैं और इलाज की सलाह देते हैं। जबकि एक अन्य कहता है कि चिंता की कोई बात नहीं है, बच्चे की बीमारी जादू जैसे गायब हो जाएगी।

क्या माता-पिता सौ में से इस एक डॉक्टर की सलाह मानेंगे? इसे आप मनगढ़ंत न मानें। असल में अगले राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटर के सामने यही सबसे बड़ा सवाल है। क्या आप अपने बच्चे या देश की सेहत को उस व्यक्ति के हाथों में देंगे, जो कोविड-19 और जलवायु परिवर्तन पर 100 में से एक डॉक्टर की सलाह मानता हो। वह ट्रम्प यूनिवर्सिटी के डॉ. डोनाल्ड ट्रम्प हैं, जहां से उन्होंने बीएस की डिग्री ली है।

यह मेरे लिए चौंकाने वाला है कि कितने परंपरावादी सौ में से ऐसे एक डॉक्टर की सलाह को मानेंगे। हो सकता है कि ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी के लोग प्रकृति में रुचि न रखते हों, लेकिन प्रकृति की उनमें रुचि है। जलवायु परिवर्तन और कोविड-19 दोनों ने ही पिछले एक साल में हमारी जिंदगी को तगड़ी चोट दी है और इसकी एक ही वजह है कि इकोसिस्टम पर सीमा से अधिक दबाव।

हमने जंगलों को रौंदा, उन जंगली जानवरों को खींचा, जो ऐसे वायरस के वाहक थे, जिनके संपर्क में मनुष्य कभी नहीं आया था, CO2 का उत्सर्जन करके धरती को गर्म किया, जिससे तूफान बढ़े, जंगलों में आग लगी। जो बाइडेन अधिक सतर्कता से बढ़ना चाहते हैं और ट्रम्प सावधानी को हवा में उड़ा देना चाहते हैं। इसीलिए विज्ञान जर्नल साइंटिफिक अमेरिकन ने पहली बार कहा ‘साइंटिफिक अमेरिकन ने 175 साल के इतिहास में अब तक किसी भी राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी का समर्थन नहीं किया है।

2020 का चुनाव जिंदगी और मौत का सवाल है। हम आपसे स्वास्थ्य, विज्ञान और राष्ट्रपति पद के लिए जो बाइडेन को वोट देने का आग्रह करते हैं।’ यह चयन कठिन नहीं था। जब कोविड या पर्यावरण संरक्षण की बात होती है तो ट्रम्प का आदर्श वाक्य एक ही है : आपका धन या आपकी जिंदगी? आप किसे अधिक महत्व देते है? बाइडेन का आदर्श वाक्य है आपका धन और आपकी जिंदगी। अगर हम विज्ञान का अनुसरण करते हैं तो आपको इन दोनों में से किसी एक को चुनने की जरूरत नहीं होनी चाहिए।

कोविड-19 पर ट्रम्प का रुख था कि नौकरी या मास्क, सामाजिक दूरी या बिग टेन फुटबॉल, विज्ञान या चर्च। हर चीज में काला या सफेद। नतीजतन आज ढेरों अमेरिकियों के पास नौकरी नहीं है, उनके बच्चे घर पर ही पढ़ रहे हैं। क्योंकि ट्रम्प ने कक्षा, नौकरियों, रेस्टोरेंट में बैठकर खाने व चर्च में जाने के सामने मुखौटे खड़े कर दिए। कई हताश लोगों ने नौकरी, स्कूल और चर्च चुने और वे इसकी कीमत चुकाएंगे।

इसके विपरीत बाइडेन एकजुट करने वाले हैं। उनका कहना है कि अगर हर कोई मास्क पहनेगा, सामाजिक दूरी रखेगा और जांच कराएगा तो हम कई नौकरियां और जिंदगी दोनों को ही बचाएंगे। मास्क की नौकरी से कोई लड़ाई नहीं है। वे महामारी में रोजगार के विकास के ड्राइवर और उसकी रक्षा करने वाले हैं। मास्क स्कूल और अन्य इनडोर गतिविधियों को खोलने के वाहक हैं, दुश्मन नहीं।

यहीं बात जलवायु परिवर्तन पर हुई। ट्रम्प ने लोगों को से कहा कि पर्यावरण बचाना लोगों को बेरोजगार करना है। साफ हवा चाहिए या विकास दर। वहीं बाइडेन नौकरियों के साथ पर्यावरण बचाने के पक्षधर हैं। आप कुछ विज्ञान व बिजनेस पत्रिकाओं की राय देखें।

न्यू साइंटिस्ट: ‘अमेरिका में हरित अर्थव्यवस्था इतनी विकसित हो गई है कि इसमें फॉसिल ईंधन से बिजली बनाने वाले लोगों की संख्या की तुलना में 10 गुना लोगों को नौकरी दी जा सकती है।’
ब्लूमबर्ग.कॉम: ‘इलेक्ट्रिक कार व सोलर उत्पाद बनाने वाली टेस्ला की मार्केट वैल्यू एक्सोन मोबिल कॉरपोरेशन से अधिक हो गई। साफ है कि निवेशक फॉसिल ईंधन से हटकर ऊर्जा के अन्य स्रोतों में रुचि ले रहे हैं।’

इसके अलावा ऐसी कई अन्य राय आई हैं। हमें बस अधिक स्वस्थ होना होगा। हमारी हवा साफ हो, उद्योग, वाहन और घर साफ ऊर्जा तकनीक में अधिक सक्षम हों। जलवायु परिवर्तन हो या न हो, लेकिन 2030 तक दुनिया की जनसंख्या करीब एक अरब और बढ़ने जा रही है। अगर हम जलवायु परिवर्तन को दिवास्वप्न मानते रहे और यह एक कुस्वप्न साबित हुआ तो हम एक प्रजाति के रूप में वास्तविक खतरे में होंगे। इसलिए मैं उम्मीद करता हूं कि अगली डिबेट में बाइडेन सिर्फ यह कहें : ‘मेरे अमेरिकियों आप अपने जंगलों में आग बुझाने के लिए तो किसी आग लगाने वाले की सेवाएं नहीं लेना चाहेंगे।

आप नस्लीय घावों को भरने के लिए किसी विभाजक की सेवाएं भी नहीं चाहेंगे। आप किसी जहर घोलने वाले को अपने पानी को साफ करने के लिए तैनात नहीं करेंगे। इन सबसे अधिक आप ऐसे व्यक्ति की सेवाएं भी नहीं चाहेंगे जो प्रकृति के खिलाफ नौकरियों को और नौकरियों के खिलाफ स्वास्थ्य को खड़ा करे। वह भी ऐसे समय पर जब हमें स्पष्ट तौर पर इन सभी की जरूरत है और हम स्पष्ट तौर पर इन सभी को ले सकते हैं।’ (ये लेखक के अपने विचार हैं)।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
थाॅमस एल. फ्रीडमैन, तीन बार पुलित्ज़र अवॉर्ड विजेता एवं ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ में नियमित स्तंभकार


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3cJuIZ6
via IFTTT

No comments